हेलो, दोस्तों क्या आप भी प्रिंटर क्या है जानना चाहते है तो आप बिलकुल सही जगह पर है क्योकि, आज इस पोस्ट में हम प्रिंटर की जानकारी जानेंगे. आपने भी बहुत बार प्रिंटर क्या है के बारे में अपने दोस्तों को बात करते सुना होगा लेकिन आपको समझ नहीं आया की वो किस बारे में बात कर रहे है तो इसका मतलब आपको प्रिंटर की जानकारी नहीं है. दोस्तों अगर आप आज के टेक्नोलॉजी के साथ चलना चाहते है तो मेरे हिसाब से आपको प्रिंटर की जानकारी होनी चाहिए. अगर आप प्रिंटर क्या है जानना चाहते है तो यह पोस्ट आपके लिए बहुत मजेदार होने वाली है तो अब बिना समय बर्बाद किये चलिए पोस्ट पढ़ते है.
प्रिंटर क्या है?
प्रिंटर एक आउटपुट हार्डवेयर आउटपुट डिवाइस है जो कंप्यूटर या अन्य डिवाइस पर स्टोर इलेक्ट्रॉनिक डेटा लेता है और पेज पर उस इनफॉर्मेशन को प्रिंट करता हैं, जो आमतौर पर स्टैंडर्ड साइज़ शीट का पेपर होता है।प्रिंटर सबसे लोकप्रिय कंप्यूटर पेरिफेरल्स में से एक हैं और आमतौर पर टेक्स्ट और फोटो प्रिंट करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
प्रिंटर्स का इतिहास?
19 वीं शताब्दी में चार्ल्स बैबेज द्वारा उनके Difference Engine के लिए डिजाइन किया गया पहला कंप्यूटर प्रिंटर एक मकैनिकली ड्रिवेन डिवाइस था; हालांकि, 2000 तक उनका मकैनिकल प्रिंटर का डिजाइन नहीं बनाया गया था।
पहला इलेक्ट्रॉनिक प्रिंटर EP-101 था, जिसका आविष्कार जापानी कंपनी Epson द्वारा किया गया था और 1968 में जारी किया गया था।
पहला commercial प्रिंटर आमतौर पर इलेक्ट्रिक टाइपराइटर और टेलेटाइप मशीनों से मैकेनिजम का उपयोग करते थे। हाई स्पीड की मांग ने विशेष रूप से कंप्यूटर उपयोग के लिए नए सिस्टम के डेवलप को जन्म दिया।
1980 के दशक में टाइपराइटर के समान डेज़ी व्हील सिस्टम थे, जिनका आउटपुट लाइन प्रिंटर के समान था लेकिन बहुत अधिक स्पीड पर, और डॉट मैट्रिक्स सिस्टम जो टेक्स्ट और ग्राफिक्स को मिश्रित कर सकते थे लेकिन अपेक्षाकृत कम क्वालिटी का आउटपुट प्रोडयुस करते थे।
प्लॉटर का उपयोग ब्लूप्रिंट जैसे हाई क्वालिटी लाइन आर्ट की आवश्यकता वाले लोगों के लिए किया गया था।
1984 में पहला लो-कॉस्ट प्रिंटर HP LaserJet लॉन्च हुआ।
1990 तक, फ्लायर और ब्रोशर जैसे सबसे आसान प्रिटींग टास्क को अब पर्सनल कंप्यूटरों पर बनाया जाने लगा था और फिर लेजर प्रिंटर पर प्रिंट किया जाने लगा था।
1990 के दशक और 2000 के दशक के दौरान इंटरनेट ईमेल के तेज़ी से बढ़ने से डयॉक्युमेंट को ट्रांसफर करने के साधनों के रूप में प्रिंटिंग की आवश्यकता को काफी हद तक विस्थापित कर दिया।
2010 के आसपास से, 3 डी प्रिंटिंग अधिक इंटरेस्ट का एक क्षेत्र बन गया, जिससे 3 डी ऑब्जेक्ट को प्रिंट करना आसान हो गया।
प्रिंटर्स के प्रकार?
प्रिंटिंग प्रौद्योगिकी के आविष्कार के बाद, कंप्यूटर प्रिंटर में विभिन्न टेक्नोलॉजीज डेवलप हुई। व्यापक रूप से प्रिंटर को Impact और Non Impact प्रिंटर के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
A) Impact Printers
ये फिजिकली प्रिंट हेड को इंक रिबन पर प्रेस कर टेक्स्ट या इमेजेज बनाते हैं। अन्य प्रकार के प्रिंटर की तुलना में काफी शोर करते हैं। वे अपने युनिक फीचर्स के लिए मशहूर हैं, आमतौर पर उन व्यवसायों में उपयोग किए जाते हैं जहां मल्टी-पार्ट प्रिंट होते हैं। Impact Printer के निम्न टाइप हैं:
1) Daisy Wheel Printers
डेज़ी व्हील प्रिंटर केवल कैरेक्टर और सिम्बल को प्रिंट करते हैं और वे ग्राफिक्स प्रिंट नहीं कर सकते। वे प्रति सेकंड लगभग 10 से 75 कैरेक्टर की प्रिंटिंग स्पीड के साथ आम तौर पर स्लो होते हैं। 1980 तक डेज़ी व्हील प्रिंटर क्वालिटी प्रिंटिंग के लिए प्रमुख प्रिंटर थे, लेकिन लेजर और इंकजेट प्रिंटर की कीमतों में गिरावट आई और डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की क्वालिटी में सुधार हुआ है, जिससे डेज़ी व्हील प्रिंटर अब अप्रचलित हो गए।
डेज़ी व्हील प्रिंटर का काम टाइपराइटर के समान ही है। एक सर्कुलर प्रिंटिंग एलिमेंट (नीचे दी गई इमेज में दिखाया गया डेज़ी व्हील के रूप में जाना जाता है)इन प्रिंटर का हार्ट है जिसमें सर्कल के सर्कम्फरन्स के प्रत्येक पंख पर सभी टेक्स्ट, न्यूमेरिक कैरेक्टर और सिम्बल मोल्ड होते हैं। प्रिंटिंग एलिमेंट एक सर्वो मोटर की मदद से तेजी से घूमते है और प्रिंटिंग हैमर कागज पर कैरेक्टर्स को स्ट्राइक करता हैं।
Advantages:
- कम प्रारंभिक युनिट कॉस्ट
- कम रनिंग कॉस्ट
- कम मेंटेनेंस कॉस्ट
- गर्म और धूल की परिस्थितियों में परफॉर्मेंस करने में सक्षम
Disadvantages:
- कम रिजोल्युशन आउटपुट
- शोर
- रिबन को अक्सर बदला पडता हैं
2) Dot-Matrix
डॉट-मैट्रिक्स प्रिंटर में, एक प्रिंट हेड पेज पर मूव होता है। कैरेक्टर या ग्राफिक्स, पिन के ग्रुप का उपयोग करके बनाए जाते हैं। ये पिन एक डॉट बनाने के लिए पेपर पर एक इंक रिबन को पेपर पर प्रेस करते हैं।
प्रत्येक कैरेक्टर या इमेज डॉटस् की एक श्रृंखला से बनते है। ये प्रिंटर आमतौर पर सस्ते और टिकाऊ होते हैं, इसलिए इन्हें अभी भी कई बिज़नेसेस द्वारा चालान प्रिंटर के रूप में उपयोग किया जाता है।
वे स्लो होते हैं और साथ में प्रिंटींग के समय शोर करते हैं, और आउटपुट क्वालिटी बाकी सभी टाइप कि तुलना में सबसे कम होती है।
आम तौर पर प्रिंटिंग की क्वालिटी के अनुसार प्रति सेकेंड 50 से 500 कैरेक्टर की स्पीड से प्रिंट किया जाता है। प्रिंट की क्वालिटी इस्तेमाल किए गए पिनों की संख्या (9 से 24 तक)पर निर्भर होती है। 24 पिन डॉट-मैट्रिक्स प्रिंटर अधिक डॉट्स उत्पन्न करता है जिसके परिणामस्वरूप 9 पिन डॉट-मैट्रिक्स प्रिंटर के मुकाबले बेहतर क्वालिटी और स्पष्ट कैरेक्टर होते हैं।
Advantages:
- डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर वास्तव में कम महंगे हैं। चूंकि वे इतने सस्ते हैं कि उनको खरीदना और उपयोग करना आसान है।
- डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर मेंटेनेंस की लागत भी कम है।
- डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की प्रिंटींग की लागत भी कम है।
Disadvantages:
- डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के प्रिंट कि क्वालिटी बहुत कम है।
- प्रिंटींग करते समय डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर बहुत शोर करते है।
- पेपर जाम हैंडलिंग का काम बहुत कठिन है।
- अन्य इंक जेट प्रिंटर और लेजर प्रिंटर की तुलना में डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की स्पीड कम होती है।
- पिन के मोड़ के कारण प्रिंट हेड क्षतिग्रस्त होने की संभावना होती है।
3) Line Printer
यह एक डेज़ी व्हील प्रिंटर के समान है। हालांकि, ये प्रिंटर एक समय में एक पूरी लाइन पर प्रिंट कर सकते हैं। यह प्रिंट किए जाने वाली लाइन की इनफॉर्मेशन को स्टोर करने के लिए बफर मेरी का उपयोग करता है। फिर इन लाइनों को 500 से 3000 लाइन प्रति मिनट की रेट से पेपर पर प्रिंट किया जाता है। ये प्रिंट करते समय बहुत शोर करते हैं।लाइन प्रिंटर को अभी भी डेटा सेंटर और इंडस्ट्रियल एनवायरनमेंट में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं और मल्टी-पार्ट फॉर्म को बहुत तेज़ी से प्रिंट कर सकते हैं।हाई स्पीड लाइन प्रिंटर 1000-2000 लाइन प्रति मिनट प्रिंट करते हैं और इसलिए बड़ी संख्या में एड्रेस लेबल, पेरोल चेक, स्टेटमेंट या बिल प्रिंट करने के लिए उपयोगी होते हैं।Advantages:- लाइन प्रिंटर मल्टी-पार्ट फॉर्म को बहुत फास्ट प्रिंट कर सकते हैं।
- शोर लेवल को कम करने के लिए लाइन प्रिंटर आम तौर पर एक कैबिनेट में संलग्न होते है।
Disdvantages:- स्टैंडर्ड लाइन प्रिंटर केवल पिन फीड पेपर का उपयोग कर सकते है और वे केवल काले स्याही से प्रिंट कर सकते हैं।
4) Drum printer
ड्रम प्रिंटर में एक सॉलीड, सिलिन्ड्रिकल ड्रम होता है जिसमें उसके सरफेस पर बैंड में कैरेक्टर उठाए हुए होते हैं। ड्रम में प्रिंट पोजिशन की संख्या पेज पर उपलब्ध संख्या के बराबर होती है। यह संख्या 80 से लेकर 132 प्रिंट पोजिशन तक होती है।ड्रम फास्ट स्पीड से घूमता है। प्रत्येक संभावित प्रिंट पोजिशन के लिए कागज के पीछे स्थित एक प्रिंट हैमर होता है। ये हैमर ड्रम पर उचित कैरेक्टर के साथ इंक रिबन के साथ पेपर पर स्ट्राइक करता हैं। प्रत्येक लाइन को प्रिंट करने के लिए ड्रम के एक चक्कर की आवश्यकता होती है। इसका मतलब है कि लाइन के सभी कैरेक्टर एक ही समय में प्रिंट नहीं होते, लेकिन पूरी लाइन को प्रिंट करने के लिए लगने वाला समय उन्हें लाइन प्रिंटर कहने के लिए पर्याप्त तेज़ है।लाइन प्रिंटर की विशिष्ट स्पीड प्रति मिनट 300 से 2000 लाइनों तक हो सकती हैं।5) Chain printers
एक चेन प्रिंटर दो पुलीज के चारों ओर लिपटे प्रिंट कैरेक्टर की एक श्रृंखला का उपयोग करता है। ड्रम प्रिंटर की तरह, प्रत्येक प्रिंट पोजिशन के लिए एक हैमर होता है। प्रिंटर के अंदर सर्किट्री पता लगाता है जब पेज पर इच्छित प्रिंट लोकेशन पर सही कैरेक्टर दिखाई देता है। हैमर तब पेज पर स्ट्राइक होता है, एक रिबन के माध्यम से पेपर प्रेस होता है और इच्छित प्रिंट पोजिशन में कैरेक्टर प्रिंट होते हैं।चेन रोटेट होती रहती है जब तक लाइन पर सभी आवश्यक प्रिंट पोजिशन आ नहीं जाती। फिर पेज अगली लाइन प्रिंट करने के लिए आगे बढ़ता है। चेन प्रिंटर की स्पीड प्रति मिनट 400 से 2500 कैरेक्टर तक होती है।B) Non-Impact Printers
इन प्रिंटर्स में कागज पर फिजिकली स्ट्राइक किए बिना कागज पर टेक्स्ट या इमेजेस प्रोडयुस करता है। ये अन्य टाइप के प्रिंटर की तुलना में शोर नहीं करते।आमतौर पर यह टेक्नोलॉजी मॉडर्न और पर्सनल होम-बेस में उपयोग की जाती हैं। ये टेक्नोलॉजी मोनो क्रोम और कलर दोनों में प्रिंट कर सकती हैं। निम्न Non-Impact Printers है।1) Inkjet printers
इंकजेट प्रिंटर घर और छोटे पैमाने के ऑफिसेस के लिए सबसे लोकप्रिय प्रिंटर हैं क्योंकि उनके पास उचित लागत और प्रिंटिंग की अच्छी क्वालिटी भी है।इंक-जेट प्रिंटर एक इलेट्रिकल फिल्ड़ के माध्यम से छोटे नॉजल से इंक को स्प्रे करते हैं, जो चार्ज्ड इंक पार्टिकल्स को कैरेक्टर के रूप में अरेंज करता हैं। इनका स्पीड आमतौर पर 250 कैरेक्टर पर सेकंड होता हैं। स्याही कागज में अवशोषित हो जाती है और तुरंत सूख जाती है। स्याही के विभिन्न रंग भी इस्तेमाल किए जा सकते है।प्रिंट हेड में एक या अधिक नोजल इंक ड्रॉप की एक स्थिर धारा उत्सर्जित करते हैं। इंक के ड्रॉपलेट नॉजल से निकलने के बाद इलेक्ट्रिकली चार्ज किए जाते है। इन ड्रॉपलेट को पेपर पर इलेक्ट्रिकली चार्ज डेफ्लेक्टिंग प्लेटों गाइड किए जाते हैं।प्लेट एक पॉजिटिव चार्ज (ऊपरी प्लेट) है और अन्य निगेटिव चार्ज (उपर कि प्लेट) होती है।एक इंकजेट प्रिंटर 300 से अधिक dpi के एक रिज्योल्युशन के साथ प्रिंट कर सकते हैं। कुछ अच्छी क्वालिटी के इंकजेट प्रिंटर 600 dpi पर पूर्ण कलर्स की कॉपिज़ प्रोडयुस करने में सक्षम हैं।Advantages:- पर्यावरण के अनुकूल
- कम शोर पैदा करता है
- गैर विषैले वनस्पति तेलों से बना है
- कॉम्पैक्ट डिजाइन
Disadvantages:- वॉर्म-अप टाइम की आवश्यकता है।
- प्रिंट को लॅमिनेट नहीं किया जा सकता।
2) Laser Printer
लेजर प्रिंटर एक फोटोकॉपी मशीन की तरह काम करता है। लेजर प्रिंटर, एक मिरर पर एक लेजर बीम डाइरेक्ट करके पेपर पर इमेज प्रोडयुस करता है जो बीम को ड्रम पर बाउंस करता है। ड्रम पर एक विशेष कोटिंग होती है जिसमें टोनर (इंक पाउडर) चिपक जाती है।छोटे डॉटस् के पैटर्न का उपयोग करके, न्यूट्रलाइज़ होने के लिए एक लेजर बीम कंप्यूटर से इनफॉर्मेशन को पॉजिटिवली चार्ज ड्रम तक पहुँचाता हैं। ड्रम के सभी एरियाज जो न्यूट्रलाइज़ हो जाते हैं से टोनर अलग हो जाता है।चूंकि पेपर, ड्रम द्वारा रोल करता है, तो टोनर पेज पर कैरेक्टर या अन्य ग्राफिक्स को प्रिंट करने के लिए पेपर पर ट्रांसफर करता है।लेजर प्रिंटर बफर का उपयोग करते हैं जो एक समय में एक संपूर्ण पेज को स्टोर करते हैं। जब एक पूरा पेज लोड हो जाता है, तो इसे प्रिंट किया जाता हैं।लेजर प्रिंटर की स्पीड अधिक होती है और वे अधिक शोर के बिना चुपचाप प्रिंट करते हैं। कई होम-यूज के लेजर प्रिंटर आठ पेजेस प्रति मिनट प्रिंट कर सकते हैं, लेकिन फास्ट प्रिंटर लगभग 21,000 लाइन प्रति मिनट प्रिंट करते हैं, या 437 पेज प्रति मिनट प्रिंट करते हैं यदि प्रत्येक पेज में 48 लाइनें हों।Advantages:- इंकजेट प्रिंटर से कॉस्ट इफेक्टिव।
- प्रॉडक्टिविटी में वृद्धि।
- हाई प्रिंट स्पीड।
- हाइयर पेपर कैपेसिटी।
- अक्सर पेपर ट्रे, फिनिशर इत्यादि के साथ एक्सपेंडेबल ।
Disadvantages:- कम वॉर्म-अप टाइम की आवश्यकता हो सकती है।
- हाई वोल्टेज की आवश्यकता।
3) Thermal Printer
ये प्रिंटर आमतौर पर बिजनेस या दुकानों में उपयोग किए जाते हैं। परंपरागत रूप से, यह एक विशेष प्रकार के हिट सेंसिटिव कागज का उपयोग करते है। गर्मी उत्पन्न होती है जो गर्मी संवेदनशील कागज के साथ प्रतिक्रिया करती है और थर्मल प्रिंट हेड की मदद से इमेज को शीट पर ट्रांसफर करते हैं। नई मशीनों में, एक वैक्सी मटेरियल के साथ रिबन प्रिंटर कार्ट्रिज स्टोर किया जाता है।हिट वैक्सी मटेरियल को पिघला देती है और कागज पर प्रिंट प्राप्त होती है। ये आमतौर पर बहुत महंगे नहीं होते और इनका उपयोग करना आसान होता है।4) LCD and LED Printer
ये प्रिंटर लेजर प्रिंटर के समान काम करते हैं। हालांकि, वे प्रिंटींग के लिए तरल क्रिस्टल या लाइट उत्सर्जक डायोड का उपयोग करते हैं। वे जेरोग्राफिक प्रिंटिंग प्रोसेस का उपयोग करते हैं। कई बार उन्हें लेजर प्रिंटर के समान श्रेणी में भी रखा जाता है। फिर भी, वे इलेक्ट्रोस्टैकीक इमेज को फोटोरिसेप्टर में ट्रांसफर करने के लिए लेजर प्रिंटर की तरह लेजर बीम का उपयोग नहीं करते।5) Plotters
ये प्रिंटर बड़े पैमाने पर ड्रॉइंग को प्रोडयुस करने के लिए अपनी एफिशिएंसी के लिए जाने जाते हैं। ये मुख्य रूप से इंजीनियरिंग ड्रॉइंग्स या आर्किटेक्चरल ब्लूप्रिंट के लिए उपयोग किए जाते हैं।हालांकि, इसे प्रिंटर की एक अलग श्रेणी में भी रखा जा सकता है, फिर भी इसे ज्यादातर प्रिंटर के रूप में परिभाषित किया जाता है। अन्य प्रिंटर की तुलना में मुख्य अंतर यह है कि यह एक पेन का उपयोग करके लाइन ड्रॉ करता है। लाइनों के ये विभिन्न कॉम्बिनेशंस कुछ प्रिंटर द्वारा प्रोडयुस क्लोज स्पेस डॉटस् से अलग हैं। यह प्लॉटर्स मल्टीकलर भी होते हैं।6) Multifunctional Printers
यह प्रिंटर का लास्ट लेकिन बहुत इम्पोर्टेन्ट प्रिंटर है, जिन्हे ऑल-इन-वन प्रिंटर भी कहा जाता हैं। आप इस प्रिंटर को सब केटेगरी के रूप में वर्गीकृत भी कर सकते हैं। इंकजेट और लेजर प्रिंटर दोनों मल्टिफंक्शनल हो सकते हैं। लेकिन हाल ही में इन प्रिंटरों की हाई डिमांड के कारण, वे एक अलग केटेगरी में आते हैं।जब मल्टिफंक्शनल प्रिंटर पहले मार्केट में आए थे तब वे महंगे थे। लेकिन हाल ही में, आप उन्हें 10000 रूपएं से खरीद सकते हैं, जो कि बहुत अच्छा है। बेशक, सस्ता मॉडल इंकजेट प्रिंटर हैं।मल्टिफंक्शनल लेजर उन लोगों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं जिन्हें प्रिंटर से अधिक की आवश्यकता होती है। वे ऑफिसेस में दो डिवाइसेस की जगह पर प्रिंट,स्कैन और फैक्स एक ही डिवाइस से कर सकते हैं। क्योंकि वे अधिक टास्क को करते हैं, इसलिए इनकी साइज़ भी बड़ी होती हैं
आपने क्या सीखा?
लेखक: कृष्ण कुमार सैनी
इस Lesson में हमने आपको बताया प्रिंटर क्या होता है? प्रिंटर के विभिन्न प्रकार और उनके नाम आदि की पूरी जानकारी दी हैं. हमे उम्मीद है कि यह Lesson आपके लिए उपयोगी साबित होगा.
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